काजोल ने बताया अपने कभी ना असफल होने का राज़ और क्यों वो एक ऑलराउंडर हैं

काजोल जल्द ही हेलीकॉप्टर ईला में एक टीनएज लड़के की माँ के किरदार में नज़र आने वाली हैं, जो 12 अक्टूबर को रिलीज़ होगी, इस मौक़े पर अनुपमा चोपड़ा ने उनके कभी हार ना मानने के रवैय्ये पर बात की
काजोल ने बताया अपने कभी ना असफल होने का राज़ और क्यों वो एक ऑलराउंडर हैं

काजोल एक्टर्स अक्सर कहते हैं कि उन्होंने सफलता से ज़्यादा असफलता से सीखा है, क्या ये सच है? और अपने असफलताओं से क्या सीखा है?

मैं ज़्यादातर फेल नहीं हुई हूँ, सिवाय मैथ्स के। उससे मैंने सीखा कि मुझे मैथ्स की ट्यूशन लेनी चाहिए।

बस यही सीख थी?

हाँ, बस यही सीख थी कि अगर आप किसी विषय में फेल हो जाओ तो दूसरे साल में उसके लिए ट्यूशन ले लेना, अपने बच्चों को भी वही करवाना।

ज़िंदगी के नज़रिए से देखा जाये तो असफल उसी को कहते हैं जो कोशिश करना बंद कर देते हैं। मुझे लगता है अगर मैंने किसी चीज़ पर कोशिश की है तो शायद मैंने कामयाबी नहीं पायी है। पहले साल में, पहले दो साल में, लेकिन तीसरे चौथे साल में तो मैं कामयाब हो ही गयी।

हो ही जाता है।

जी बिल्कुल, मुझे बुनने का बहुत शौक़ है। मैं हर वक़्त ये बुड्ढी औरतों को देखती थी और वो सब बैठकर क्रोशिया करती थीं। तो मैंने बहुत कोशिश की। मैं उनके पास गयी, अजीब-अजीब लोगों क पास। हॉस्पिटल में गयी, मैंने बोला मुझे भी क्रोशिया सिखाओ, मुझे भी सिखाओ। लेकिन मुझे कोई नहीं सिखा पाया।

आपको क्रोशिया कोई नहीं सिखा पाया?

जी, मुझे कोई नहीं सिखा पाया। वो पता नहीं मैं भूल जाती थी या कुछ न कुछ गड़बड़ हो जाती थी उसमें। और मैं हमेशा सोचती थी मैं इतनी ज़हीन हूँ। मैंने कितने स्वेटर बुने हैं, मैंने ड्रेस बुने हैं। मैं ये एक चीज़ क्यूँ नहीं सीख पा रही हूँ, तो मैंने एक दिन किताब खरीदी अपने लिए और 6 महीने लग गए मुझे, लेकिन मैंने आख़िरकार निसा (काजोल की बेटी) के लिए एक पूरी रज़ाई बनाई सिर्फ क्रोशिया से।

तो अब मुझे लगता है, अगर आप असफलता की बात करो तो मेरा मानना है कि वो एक ऎसी चीज़ है जिस पर मेरा विश्वास नहीं है। मैं सिर्फ तभी असफल हो सकती हूँ जब मैं कोशिश करना छोड़ दूं।

लेकिन जब फिल्म कामयाब नहीं होती है आप उसको देखकर कभी सोचती हैं, मुझे इसे किसी और तरह करना चाहिए था, या ये अलग करना था?

मैंने कभी पिक्चर के हिसाब से देखा नहीं है, क्यूंकि मैंने कभी किसी फिल्म का निर्देशन नहीं किया है। लेकिन अपने ख़ुद के काम पर बहुत गौर किया है और बोला है कि नहीं ये ऐसे करना चाहिए था, ये वैसे करना चाहिए था। लेकिन अंत में अगर मैं उसे ध्यान से देखूं, तो मुझे पता है मैं इसे असफलता नहीं कहूंगी। मैंने इससे सीखा बहुत है। तो मुझे नहीं लगता कि असफलता शब्द का इस्तेमाल होना चाहिए, जब आप सीख रहे हों।

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