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‘गली बॉय’ रिव्यू: मुम्बई शहर की ज़िन्दादिली के नाम लिखा एक चमत्कारिक प्रेम पत्र
ज़ोया की नज़र अनगिनत बारीकियों से भरी है। इस जादू भरी कहानी का असली मज़ा इसे कहने के तरीके में है
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‘मणिकर्णिका: दि क्वीन ऑफ़ झांसी’ रिव्यू: कंगना के निर्भीक अभिनय से रची राष्ट्रवादी फ़िल्म
जानबूझकर सिनेमा के लोकप्रिय मुहावरे में एक महागाथा रचने की कोशिश है मणिकर्णिका
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‘व्हाय चीट इंडिया’ रिव्यू: सौमिक सेन की फ़िल्म को थोड़ी और कल्पना, हिम्मत की ज़रूरत थी
दिलचस्प फ़र्स्ट हाफ़ के बाद फ़िल्म चलताऊ तिकड़मों और करप्शन पर इमरान हाशमी के भाषण में उलझ जाती है
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‘उरी: दि सर्जिकल स्ट्राइक’ रिव्यू: हिन्दुस्तानी फ़ौज के नाम लिखा गया आवेगों से भरा प्रेमपत्र
आखिर में इस यथार्थवादी आतंकी ड्रामा और भड़कीली एक्शन थ्रिलर के बीच का संतुलन बिगड़ जाता है
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‘द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ रिव्यू: बिखरी पटकथा, तकनीकी रूप से कमज़ोर प्रोपगैंडा फ़िल्म
तमाम मेहनत के बावजूद अनुपम खेर डॉ मनमोहन सिंह के किरदार को ज़रा भी नहीं पकड़ पाये
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साल 2018 में हिन्दी सिनेमा की 5 सबसे बेहतरीन फ़िल्में
यहाँ ‘तुम्बड़’ भी है और ‘बधाई हो’ भी, जानिए क्या ख़ास है अनुपमा चोपड़ा की वरीयता सूची में
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सिम्बा रिव्यू: मज़ेदार 90s वाली कॉमेडी जो बचकानी नैतिक शिक्षा की क्लास में बदल गई
‘सिम्बा’ को देखकर महसूस होता है कि रोहित शेट्टी और रणवीर सिंह एक दूजे के लिए बने हैं
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‘ज़ीरो’ रिव्यू: यकीन से परे कहानी, जिसकी नाकामयाबी उदास करती है
शाहरुख, अनुष्का, कैटरीना स्टारर ‘ज़ीरो’ में निर्देशक आनंद एल राय ने दिलचस्प किरदार रचे हैं, लेकिन उन्हें बाँधने वाला पटकथा का धागा कहीं खो गया
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केदारनाथ रिव्यू: प्रेम कहानी जिसमें मसाले सारे हैं, लेकिन स्वाद कुछ फ़ीका रह गया
इस प्रेम कहानी में मिठास भी है आैर आग भी, लेकिन ताज़गी की कमी है
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2.0 रिव्यू : उबाऊ हो चले फॉर्मूले को निर्देशक शंकर की कल्पनाशीलता और एक जवांदिल सुपरस्टार ने बचाया
वे फ़िल्म में आई चमत्कारिक मुठभेड़ें ही हैं, जहाँ शंकर की रचनाशीलता ने खुलकर अपना जलवा बिखेरा है
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भैयाजी सुपरहिट रिव्यू : साल का सबसे नाकारा बुढ़ाते सितारों का मेला
प्रीति जिंटा, सन्नी देआेल, अरशद वारसी आैर श्रेयस तलपड़े स्टारर इस फ़िल्म का नाम बॉलीवुड की प्रेतात्माएं होना चाहिए था
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मैं पागल ही होऊंगा जो शाहरुख़ के साथ कुछ नया हासिल करने की कोशिश ना करूं: सुपरस्टार को अपने रचे किरदार में ढालने के अनुभव पर ज़ीरो के लेखक हिमांशु शर्मा
‘वो जादू जिसने हमें इतने सालों तक मोहपाश में जकड़े रखा, उसे बचाते हुए भी कुछ बिल्कुल नया रचना है’
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